2014 की बात है , जब मुझे पहली बार नल्प के बारे में पता चला । मैं लाइफ कोचिंग का कोर्स कर रहा था। एक बार ट्रेनर ने हमें प्रैक्टिस करने के लिए 2-2 के ग्रुप मैं बाँट दिया। मेरे साथ एक मेरठ की टीचर को प्रैक्टिस करनी थी। हमें 10 घंटे की लाइफ कोचिंग की ट्रेनिंग मिल चुकी थी।
हमने एक रविवार का दिन तय कर लिया प्रैक्टिस के लिए। दोनों को 20-20 मिनट की कोचिंग करनी थी ।
पहले मेरी बारी आई और मैंने जैसे सिखाया था कोचिंग कर दी और संतुष्ट हो गया।
फिर मैडम की बारी आई। और उन्होने मुझ से अजीब से सवाल पूछने शुरू किए जो की हमें अभी तक कहीं नहीं पढ़ाए थे। और 10 मिनट के अंदर मुझे एक बड़ा breakthrough मिला । मैं हैरान था उन सवालों पे। मैंने उनसे पूछा की कहाँ से उन्हे ये सवाल मिले। उन्होने बताया की उनके पास नल्प की एक किताब पड़ी हुई थी और ये सवाल उन्होने उसमे से ऐसे ही पूछ लिए।
ऊनहोने ये किताब 5 साल पहले ऐसे ही किसी बुक शॉप मैं देखि थी और खरीद ली थी। उस टाइम उन्हे न तो नल्प करनी थी और न ही लाइफ कोचिंग।
मैंने सोचा की अगर 10 मिनट की नल्प से इतना चेंज या सकता है तो अगर मैं इसमे ट्रैनिंग ले लूँ तो कैसा रहेगा। और वो दिन है और आज – मेरी नल्प की यात्रा लगातार चल रही है।
आज मैं न सिर्फ नल्प से कोचिंग करता हूँ, बल्कि नल्प की ट्रैनिंगस भी करवाता हूँ। कई बार 10 मिनट की अचानक सी घटना किसी की ज़िंदगी बदल देती है।
मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। और ऐसा मैं होता हुआ। 2015 से अब तक मैंने नल्प और हिप्नोसिस की पढ़ाई की। अपने क्रेडेंटइल्स strong किए। यहाँ तक की 2 किताबें भी लिख दी।
नल्प सच मैं आपकी लाइफ चेंज कार सकती है। आप मैं अगर लगन और हौंसला है तो सब मुमकिन हो जाता है। नल्प से ये न सिर्फ मुमकिन होता है बल्कि accelerate भी हो जाता है।